सिरोही, 28 अप्रेल।  10000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन और संवर्धन हेतु केंद्रीय क्षेत्र योजना के अंतर्गत जिला स्तरीय निगरानी समिति (डी-एमसी) की पाँचवी बैठक जिला कलेक्टर डॉ भँवर लाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। सहायक महाप्रबंधक, नाबार्ड एवं सदस्य सचिव जिला स्तरीय निगरानी समिति (डी-एमसी), जितेंद्र कुमार मीना ने सभी सदस्यों का बैठक में स्वागत करते हुये बताया कि सिरोही जिले के आबू रोड, रेवदर, पिंडवाड़ा, सिरोही एवं शिवगंज ब्लॉक मे क्रमशय सौंफ, अरंडी, सौंफ व मक्का, अरंडी एवं सरसों व तिल पर किसान उत्पादन संगठनों का निर्माण क्लस्टर आधारित व्यापार संगठन (सीबीबीओ) के रूप में चयनित राजस्थान बाल करल्याण समिति द्वारा कर दिया गया है। 

        जिला कलेक्टर ने व्यक्तिगत एफपीओ की समीक्षा करते हुये सीबीबीओ अर्थात राजस्थान बाल कल्याण समिति को निर्देश दिये की आबू रोड में गठित श्री सुंधा माता किसान उत्पादक समूह, रेवदर ब्लॉक में गठित पावा किसान उत्पादक समूह, सिरोही में गठित सार्णेश्वर किसान उत्पादक समूह, पिंडवाड़ा में गठित भूजेला किसान उत्पादक समूह एवं शिवगंज में गठित एग्री सक्सेस किसान उत्पादक समूह का प्रशिक्षण मई माह के प्रथम सप्ताह में आयोजित करवाया जाये। उन्होने निर्देश दिये की शिवगंज, पिंडवाड़ा एवं सिरोही में नवगठित किसान उत्पादक समूहो को जिले के दूसरे सफल एफपीओ का भ्रमण कराकर एफपीओ की कार्यशैली से अवगत कराये तथा इन तीनों ब्लॉको में बने किसान उत्पादक समूहो को उनसे संबन्धित उत्पादो को ध्यान में रखते हुये प्रसंस्करण इकाई, मार्केटिंग, मंडी पृक्रिया इत्यादि हेतु राज्य के भीतर या राज्य के बाहर भ्रमण का आयोजन कराया जाये।  

         जिला कलेक्टर ने सीबीबीओ को निर्देश की जिलें में गठित किसान उत्पादक समूहो को सहायता प्रदान करने हेतु प्रत्येक ब्लॉक में एक एलआरपी को नियुक्त करें एवं सभी पांचों किसान उत्पादक समूहो में त्वरित गति से अधिक से अधिक किसान जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से जोड़ें जायें। सीबीबीओ ने बताया की आबूरोड के श्री सुन्धा माता एफपीओ ने मंडी लाइसेन्स हेतु पृक्रिया पूर्ण कर ली है एवं जल्द ही किसान उत्पादक संगठन को मंडी लाइसेन्स जारी हो जाएगा। इसके पश्चात जिला कलेक्टर ने निर्देश दिये की सीबीबीओ संबन्धित विभागो से संपर्क कर शिवगंज, पिंडवाड़ा तथा सिरोही में गठित तीनों एफपीओ को जल्द से जल्द कृषि हेतु खाद, बीज, दवाई इत्यादि के लिए लाइसेंस दिलवाने के लिए कार्य करें। इसीके साथ जिला कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिये की किसान उत्पादक समूह मजबूत बने और किसानो को इसका पूरा लाभ मिले इसलिए हर एक गतिविधि हेतु एक समय सीमा निर्धारित कर एक्शन प्लान तैयार किया जाये जिसकी समीक्षा आने वाली बैठक में की जाएगी।

          जिला कलेक्टर और अध्यक्ष, डी-एमसी, डॉ भँवर लाल ने संबंधित सीबीबीओ अर्थात राजस्थान बाल कल्याण समिति को को निर्देश दिये कि कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा निर्धारित सभी लक्ष्यों को समय सीमा के अंदर पूर्ण करना सुनिश्चित करें। उन्होने सदस्यता जोड़ने के लिए संबधित ब्लॉक में सीबीबीओ द्वारा ग्राम स्तर पर ज्यादा से ज्यादा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिये जायें ताकि अधिक से अधिक संख्या में किसानो को एफपीओ से जोडा जा सके। उन्होने बैठक मे उपस्थित समिति के सभी सदस्यों से यह भी कहा कि सभी सीबीबीओ को किसान उत्पादक संगठनों के निर्माण एवं संवर्धन हेतु आवश्यक सहायता संबन्धित विभाग प्रदान करें। 

         सहायक महाप्रबंधक, नाबार्ड ने सीबीबीओ को निर्देश देते हुये कहा की एफपीओ के निदेशक मण्डल का निरंतर क्षमता निर्माण अति आवश्यक है, अतः सीबीबीओ इस बात का ध्यान रखे की निदेशक मण्डल के लिए समय-समय पर क्षमता निर्माण हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हो। उन्होने किसान उत्पादक संगठन और 10,000 एफपीओ के गठन और संवर्धन के लिए केंद्रीय क्षेत्र की योजना के दिशानिर्देशों को विस्तार से बताते हुए कहा कि किसान उत्पादन समूहो के प्रबंधन एवं इक्विटी ग्रांट से संबन्धित क्लैम को नाबार्ड को समय पर प्रेषित करने के लिए कहा। उन्होने बताया की एफपीओ के संवर्धन के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु नए एफपीओ को वित्तीय सहायता अधिकतम 18 लाख रुपये प्रति एफपीओ या वास्तविक, जो भी कम हो, गठन के वर्ष से तीन वर्षों के दौरान प्रदान किये जाने का प्रावधान हैं एवं संबधित सीबीबीओ को 25 लाख रुपये प्रति एफपीओ प्रदान किए जाने का भी प्रावधान हैं। भारत सरकार इस योजना के तहत किसान उत्पादक संगठन को इक्विटी ग्रांट की मैचिंग ग्रांट के रूप में अधिकतम 15.00 लाख रुपये प्रति एफपीओ तक प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, भारत सरकार द्वारा किसान उत्पादक संगठनो को संस्थागत ऋण के प्रवाह में तेजी लाने के लिए उपयुक्त क्रेडिट गारंटी कवर प्रदान करने के लिए एक हजार करोड़ रुपये का क्रेडिट गारंटी फंड (सीजीएफ) नाबार्ड मे स्थापित किया गया है, जिसके माध्यम से बैंको द्वारा दिये गए ऋण पर नाबार्ड क्रेडिट गारंटी कवरेज प्रदान करेगा। 

         जिला कलेक्टर ने अंत में सीबीबीओ को पुनः निर्देशित किया की शिवगंज, पिंडवाड़ा तथा सिरोही में कार्यरत तीनों किसान उत्पादक समूहो में जल्द से जल्द 300 किसानो को जोड़कर भारत सरकार द्वारा इक्विटी ग्रांट की मैचिंग ग्रांट के रूप में दी जाने वाली राशि के लिए आवेदन नाबार्ड को प्रस्तुत करें। उन्होने कहा की इसकी समीक्षा जिला स्तरीय निगरानी समिति (डी-एमसी) की अगली बैठक में की जाएगी अतः सुझाए गए बिन्दुओं की पालना कड़ाई से करें।

          जिला स्तरीय निगरानी समिति (डी-एमसी) की बैठक के दौरान उप निदेशक - कृषि विस्तार डॉ. संजय तनेजा, सहायक निदेशक - बागवानी, डॉ हेमराज मीना, अग्रणी जिला प्रबंधक दृ संजय मेहता, परियोजना निदेशक दृ आत्मा डॉ. पुरुषोत्तम भट्ट, उप रजिस्ट्रार-सहकारी समितियां नारायण सिंह, कृषि विज्ञान केंद्र सिरोही, सीबीबीओ के प्रतिनिधि एवं श्री सुंधा माता एफपीओ, पावा एफपीओ, एग्री सक्सेस एफपीओ, सार्णेश्वर एफपीओ एवं भुजेला एफपीओ के निदेशक मण्डल के सदस्य भी उपस्थित रहे तथा सभी ने अपने अमूल्य सुझाव साझा किए।