आबू रोड, 10मई, निसं। तीन दिवसीय स्पार्क प्रभाग के सम्मेलन का समापन हो गया। इस सम्मेलन में आईएनएमएस डीआरडीओ के वैज्ञानिक सुशील चन्द्रा ने कहा कि विज्ञान और अध्यात्म दोनो ही एक सिक्के के दो पहलू हैं। इसलिए साईलेंस और साईंस दोनो ही मिलता जुलता है। जब हमें कोई शोध करना होता है तो उसके लिए साईलेंस की जरूरत होती है। इस साईलेंस की शक्ति से ही आन्तरिक शक्ति मिलती है। वे ब्रह्माकुमारीज संस्थान शांतिवन में स्पार्क प्रभाग द्वारा आयोजित सम्मेलन के समापन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज विज्ञान से साधन तो बढ़ रहे है। लेकिन उसमें आध्यात्मिकता की कमी के कारण तमाम तरह की परेशानियां पनप जाती है। यदि दैनिक जीवन में अध्यात्म का उपयोग हो तो हर चीज सुखदायी हो जाता है। ब्रह्माकुमारीज संस्थान में सिखाये जा रहे राजयोग ध्यान से जीवन श्रेष्ठ बन जायेंगे।
पंजाब यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर प्रो0 राजकुमार ने कहा कि शिक्षा, अध्यात्म और विज्ञान तीनो ही मनुष्य के सामाजिक जीवन के लिए जरूरी है। लोगों ने विज्ञान को पकड़ा लेकिन अध्यात्म को छोडऩे के कारण अशंाति पैदा होने का कारण होता है। राजयोग ध्यान से ही जीवन में बदलाव आता है। यहॉं आने से यह पता पड़ता है कि अध्यात्म और राजयोग से सबकुछ बदल सकता है। कार्यक्रम में प्रभाग की अध्यक्षा बीके अम्बिका ने कहा कि आध्यात्म के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा है। राजयेाग ध्यान से व्यक्ति का मन अन्दर से बदल जाता है। मन में आने वाला प्रत्येक नकारात्मक विचार हमारी मनोवृत्ति को बदल देता है। इसलिए जीवन में नकारात्मकता को स्थान नहीं देना चाहिए। इस अवसर पर प्रभाग के राष्ट्रीय संयोजक बीके श्रीकांत, मुख्यालय संयोजक बीके संजय, बीके अल्का समेत कई लोगेां ने अपने अपने विचार व्यक्त किये।
रंगारंग प्रस्तुतियों ने बाधा समा: इस सम्मेलन के समापन पर रंगारंग प्रस्तुतियों ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बड़ी संख्या में आये पदमश्री, पदमविभूषण तथा स्कालर ने तालियों की गडग़डाहट से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर सिंगर अनिता पंडित समेत कई कलाकरों ने स्वरों का जादू बिखेरा।